जम्मू-कश्मीर ( मसले को लेकर पाकिस्तान नाक-मुंह फुला रहा है। भारत के आंतरिक मामले को लेकर पाक अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रोना रो रहा है। हालांकि विश्व समुदाय में पाकिस्तान की दाल नहीं गल पाई है। गौरतलब है कि संविधान के अनुच्छेद 370को निष्प्रभावी करते हुए भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन किया है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम के दो अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए हैं। इसके साथ ही 70 साल पुराना कश्मीर का मसला एक बार फिर पूरी दुनिया में चर्चा के केंद्र में आ गया है। भारत के क़दम की सबसे कड़ी प्रतिक्रिया पाकिस्तान ( ) की ओर से आई है। जिसने इसे अवैध कदम बताते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मामला उठाने की बात कही है। हालांकि विश्व पटल पर अपने आका चीन तथा तुर्की के अलावा पाकिस्तान को कहीं से भी समर्थन नहीं मिला है।
जम्मू-कश्मीर ( ) में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद अब जम्मू में जीवन सामान्य हो रहा है। बीते 4 दिनों से जम्मू में किसी तरह का कोई प्रदर्शन नहीं हुआ। लोग अपने ज़रूरी काम के लिए घरों से निकल रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने बड़ी संख्या में राज्य में अतिरिक्त जवानों (की तैनाती की है। जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की प्रक्रिया की शुरुआत से पहले ही घाटी में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था। हालात का जायजा लेने के लिए ख़ुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ( भी श्रीनगर आए थे। बताया जा रहा है कि डोभाल वहां के स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने की प्रक्रिया के प्रस्ताव पर भाजपा को विपक्षी राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला है।
कश्मीर घाटी के अंदर आज पब्लिक ट्रांसपोर्ट चालू हो जाएगा. अभी तक घाटी में बाजार खुल रहे थे, सब्जी-मेडिकल की दुकान खुली हुई थीं.
घाटी में धारा 144 लागू है लेकिन आज से छूट मिलनी शुरू हो जाएगी. पहले भी लोगों को जरूरत का सामान ले जाने के लिए छूट मिल रही थी.
जम्मू क्षेत्र के उधमपुर-सांबा के सरकारी और प्राइवेट स्कूल, कॉलेज आज खुलेंगे. स्कूलों के आसपास सुरक्षाबल तैनात हैं, ताकि किसी तरह की दिक्कत ना आ सके.
सभी सरकारी अफसरों को दफ्तर आने के निर्देश दिए गए हैं, ऐसे में पांच दिन के बाद सरकारी ऑफिसर काम पर लौटेंगे