ओडिशा के अंगुल जिले में एक बुजुर्ग महिला ने अपने बेटे की मौत के कुछ महीने बाद अपनी 20 वषीर्य बहू की विधिपूर्वक शादी कराकर समाज को एक बेहतर संदेश दिया है। तालचर इलाके में गोबरा पंचायत की पूर्व सरपंच प्रतिमा बेहरा ने अपनी बहू लिली बेहरा का पुनर्विवाह कराया। प्रतिमा के छोटे बेटे रश्मिरंजन ने इसी साल फरवरी में तुरंगा गांव की लिली से शादी की थी। जुलाई में एक कोयला खदान में हुई दुर्घटना में उसकी मौत हो गई।23 जुलाई को महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के भरतपुर कोयला खदान में एक भूस्खलन हो गया था, जिसमें चार लोग मारे गए थे।शोक में डूबे परिवार ने यह महसूस किया कि उनके बेटे की विधवा लिली का एकाकी जीवन काफी दर्दनाक हो सकता है। परिवार ने उसके सुखी जीवन के लिए उसका पुनर्विवाह करने का साहसी फैसला किया। प्रतिमा ने लिली की काउंसलिंग की और उसे पुनर्विवाह के लिए राजी कर लिया।
नए मोटर व्हीकल कानून के आने के बाद वाहनों के भारी भरकम चालान काटे जाने का सिलसिला जारी है। देश के अलग अलग हिस्सों से आए दिन एक से बढ़कर एक मामले सामने आ रहे हैं। अब ताजा मामला ओडिशा के संबलपुर से सामने आया है जहां ट्रैफिक नियम तोड़ने पर नगालैंड के एक ट्रक मालिक पर 6,53,100 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
ओडिशा के माओवाद प्रभावित मलकानगिरि जिले की एक आदिवासी लड़की ने सालों पहले आकाश में उड़ने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़ दी और आखिरकार अपने सपनों को हासिल करके ही दम लिया. यह प्रेरणादायक कहानी है 23 वर्षीय अनुप्रिया लाकड़ा (Anupriya Lakra) की. ओडिशा की अनुप्रिया पहली आदिवासी महिला पायलट बन गई हैं. पायलट बनने की चाह में अनुप्रिया ने सात साल पहले इंजीनिरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़ दी और 2012 में उन्होंने यहां उड्डयन अकादमी में दाखिला ले लिया.