अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में सोमवार (16 सितंबर) को 24वें दिन की सुनवाई होगी. पिछले शुक्रवार को 23वें दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि जब आस्था या विश्वास है कि वहां राम जन्मस्थान है, तो उसे स्वीकार करना होगा. हम इस पर सवाल नहीं कर सकते. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन से कहा था कि आखिर देवता या जन्मस्थान को क्यों नहीं 'न्यायिक व्यक्ति' माना जाना चाहिए? धवन ने कहा था कि इसका क्या प्रमाण है कि हिंदू अनंत काल से उस जगह को भगवान राम का जन्म स्थल मान रहे हैं. स्कंद पुराण और कुछ विदेशी यात्रियों के यात्रा वृत्तांत के आधार पर उसे जन्मस्थान नहीं ठहराया जा सकता. इस पर पीठ के सदस्य जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने धवन से पूछा था कि आखिर ऐसी क्या चीजें हैं, जिनके आधार पर देवता या जन्मस्थान को न्यायिक व्यक्ति नहीं माना जाना चाहिए. हिंदू महासभा के वकील बरुण सिन्हा का यह मानना है कि कोर्ट की यह टिप्पणी बहुत अहम है.