पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि शहीद की पत्नी या पति जिंदा है तो अभिभावक फैमिली पेंशन पाने के हकदार नहीं हैं. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शहीद की मां द्वारा फैमिली पेंशन की मांग से जुड़ी याचिका को खारिज करते हुए यह साफ कर दिया कि यदि शहीद के पति या पत्नी जिंदा हैं और उन्होंने दूसरी शादी नहीं की है, तो पति या पत्नी ही उनकी पेंशन पाने के हकदार है, ऐसे में अभिभावक फैमिली पेंशन पाने के हकदार नहीं हैं.
उल्लेखनीय है कि कैथल निवासी महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
याचिकाकर्ता के वकील गौरव केलै ने बताया कि याचिकाकर्ता का बेटा असम में तैनात था. बेटे की शहादत के बाद उसकी मां ने फैमिली पेंशन के लिए आवेदन किया था. उसके आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया, जबकि उसके पास आय का कोई जरिया नहीं है. याची पूरी तरह से अपने बेटे की आय पर निर्भर थी और फैमिली पेंशन में हिस्सा चाहती थी. आपको बता दें, मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र व अन्य प्रतिवादियों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि याची के दो बेटे और हैं और याची के पास 22 कनाल जमीन भी है.