संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान खान के भारत के खिलाफ जहर उगलने के बाद भारत ने करारा जवाब दिया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने भारत का पक्ष रखते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को उनके पूरे नाम इमरान खान 'नियाजी' से संबोधित किया. दरअसल इमरान आमतौर पर अपने सरनेम का इस्तेमाल नहीं करते. इसके पीछे एक बड़ी वजह ये है कि 1971 की लड़ाई में पूर्वी पाकिस्तान (मौजूदा बांग्लादेश) के तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने अपनी फौज के साथ भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. उसके बाद से कई मशहूर पाकिस्तानी हस्तियों ने इस सरनेम से परहेज करना शुरू कर दिया. नियाजी एक पख्तून ट्राइब है. इसकी जड़ें पूर्वी अफगानिस्तान से मानी जाती हैं. पाकिस्तान में नियाजी ट्राइब काफी पहले उत्तरी-पश्चिमी पंजाब के मियांवाली में आकर बस गई थी.
गौरतलब है कि UN में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा (Vidisha Maitra) ने 'राइट टू रिप्लाई' (Right to Reply) प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के भड़काऊ भाषण पर सख्त जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यूएन में आतंकवाद को सही ठहराया. पाकिस्तान ने दुनिया के सबसे बड़े मंच का दुरुपयोग किया. भारत ने इमरान पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस शख्स ने कभी जेंटलमेन गेम क्रिकेट खेला हो उसका संयुक्त राष्ट्र में भाषण नफरत से भरा हुआ था. पाकिस्तान ने यूएन के मंच से भारत को परमाणु युद्ध की धमकी दी. संयुक्त राष्ट्र में इमरान खान का भाषण दुर्भाग्यपूर्ण है. इमरान खान की मानसिकता मध्ययुगीन जैसी है.