महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 (Maharashtra Assembly Elections 2019) के लिए बीजेपी और शिवसेना के बीच हुए गठबंधन के ऐलान के बाद शिवसेना ने अब मान लिया है कि महाराष्ट्र में बीजेपी अब बड़े भाई की भूमिका में आ गई है. पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में इशारों इशारों में बीजेपी के बड़ा भाई मान लिया है.
शिवसेना ने इस लेख में लिखा है, 'युति होने पर यहां-वहां चलता ही रहता है. शिवसेना के बारे में इस बार ये मानना पड़ेगा कि लेना कम और देना ज्यादा हुआ है. लेकिन जो हमारे हिस्से आया है उसमें शत-प्रतिशत यश पाने का हमारा संकल्प है. भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पार्टी बन चुकी है. कई पार्टियों के प्रमुख लोग महाराष्ट्र में उनकी चौखट पर बैठे हैं. उनकी मेहमाननवाजी करने के लिए बड़ा ग्रास देना होगा और हमने अपना दिल बड़ा करके इसे स्वीकार किया है....
.....इसे बड़ा योगदान कहें या कुछ और ये जिसे जो समझना हो समझे. लेकिन भाजपा की झोली में ‘मित्रदल’ नामक दत्तक भी ज्यादा हैं. उन्हें भी हिस्सा देना होगा, ऐसा तय किया गया और उसमें शिवसेना ने लगभग सवा सौ सीटों पर लड़ने की तैयारी की। '
सामना में आगे लिखा है, ' राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. हवा के साथ बह जाने वाले पक्षी हम नहीं. शिवसेना का गरुड़ आकाश को छूनेवाला और आच्छादित करनेवाला है. उसमें अब ‘युति’ का मुहूर्त मिल गया है और महाराष्ट्र के रण में औरों ने भी ताल ठोंकी है. लेकिन कमजोर जांघ पर ताल ठोंककर क्या होगा? कांग्रेस आघाड़ी के तार भले ही जुड़ गए हों लेकिन वे मुड़ेंगे क्या? ये सवाल बना हुआ है. कल तक यार्ड में खड़े इंजन को भी धक्का मारने का काम शुरू है. वंचित आघाड़ी और एमआईएम की हालत इतनी फटी हुई है कि उसे सिला जाए या एक ओर रख दिया जाए, ये जनता ही तय करेगी. '