राष्ट्रपति अर्दोआन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पिछले 72 सालों से कश्मीर समस्या का समाधान खोजने में नाकाम रहा है.अर्दोआन ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर समस्या को बातचीत के ज़रिए सुलझाएं. तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के बावजूद कश्मीर में 80 लाख लोग फँसे हुए हैं.अर्दोआन के अलावा मलेशिया ने भी यूएन की आम सभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया था. कहा जा रहा है कि यूएन की आम सभा में तुर्की और मलेशिया का यह रुख़ भारत के लिए झटका है. तुर्की के इस रुख़ पर भारत ने खेद जताया है. इसी हफ़्ते शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है. उन्होंने कहा कि तुर्की और मलेशिया का रुख़ बहुत ही अफ़सोसजनक है.