तमिलनाडु में चलती बस में एक ड्राइवर को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। बीच सड़क पर हुई घटना से बस पर से उसका नियंत्रण खत्म हो गया। इससे बस ने ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी कई कारों को टक्कर मार दी। हालांकि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। यह संयोग था कि बस टक्कर के बाद खड़ी हो गई, नहीं तो कई लोगों को रौंद देती। घटना से कुछ देर के लिए यातायात भी अवरुद्ध हो गया था। पुलिस ने क्षतिग्रस्त कारों और बस को हटवाकर यातायात बहाल कराया।
भारत में सड़क हादसों में मरने वालों की तादाद बढ़ रही है। 2018 में भारत में 1.49 लाख लोग मारे गए, जबकि 2017 में यह आंकड़ा 1.47 लाख था। राजस्थान के हालात भी बेहद चिंताजनक हैं। इस सबके बीच सुदूर दक्षिणी प्रांत तमिलनाडु से एक नई दिशा दिखाई देती है।योजनाबद्ध तरीके से साझा कोशिश की जाए तो सड़क हादसों में होने वाली मौतों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हालांकि तमिलनाडु दुर्घटनाओं के लिहाज से देश के अग्रणी राज्यों में है, लेकिन वहां हादसों में मरने वालों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2016 में तमिलनाडु में 17,218 लोग मारे गए। 2017 में यह आंकड़ा 16,157 रहा, जबकि 2018 में यह गिरकर 12,216 रह गया। इस साल के शुरू में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सेवानिवृत्त न्यायाधीश के एस राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा पर बनी कमेटी भी तमिलनाडु के प्रयासों की सराहना कर चुकी है।