अमिताभ बच्चन सदी के महानायक माने जाते हैं. ये बस ऐसे ही बता दिया. क्या पता आगे जो बताने जा रहे हैं, वो जानकर आप ये बात माने कि नहीं. 25 मार्च की शाम अमिताभ एक ट्वीट करते हैं. इसमें एक वीडियो है, जिसमें वो खुद नज़र आ रहे हैं. ये वीडियो भी कोरोना से बचाव के बारे में है. लेकिन उस वीडियो में जो जानकारी दी जा रही है, वो फर्जी है. वीकली मेडिकल जर्नल दी लैंसेट का हवाला देते हुए बच्चन उस वीडियो में ये बता रहे हैं-
”हमारा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है और आप सब को इस लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. क्या आप जानते हैं हाल ही में चीन के विशेषज्ञों ने पाया है कि कोरोना वायरस मानव मल में कई हफ्तों तक जिंदा रह सकता है. कोरोना वायरस का मरीज अगर पूरी तरह ठीक भी हो जाए तो उसके मल में कोरोना वायरस जिंदा रह सकता है.”
फिर उस मल के ऊपर मक्खी बैठेगी. वहां से हटने के बाद यहां-वहां उड़ेगी. खाने-पीने की चीज़ों पर बैठेगी, जिससे कोरोना फैलेगा. उनके इस वीडियो का सार ये है कि पब्लिक को दरवाज़े बंद करके पॉटी करनी चाहिए.
लेकिन अमिताभ बच्चन जो कह रहे हैं, वो गलत बात है. ये हम नहीं कह रहे. हमारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कह रही है. 26 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही थी. यहां मीडिया ने अमिताभ बच्चन के वीडियो का ज़िक्र करते हुए सवाल किया कि क्या वाकई मक्खियों से भी कोरोना फैलता है? मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने इसका जवाब देते हुए कहा-
”हमने वो ट्वीट नहीं देखा है. अगर ऐसा कोई ट्वीट है, तो मैं टेक्निकली बता सकता हूं कि इनफेक्शन डिजीज़ है. ये मक्खियों से नहीं फैलता है.”
इसके दो ही मतलब हो सकते हैं. या अपनी मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी गलत हैं या अमिताभ बच्चन. हाल ही में कई बार वो गलत जानकारी का शिकार हुए. जनता कर्फ्यू वाले दिन उन्होंने एक ट्वीट किया जो ठीक नहीं था. और ऐसी चीज़ें वो लगातार करते रहते हैं. लेकिन दिक्कत ये है कि जिन्हें फेक न्यूज़ और गलत जानकारी से लोगों को बचाना चाहिए, वो लोग खुद गलत जानकारियां फैला रहे हैं.