जब भारत में ब्रिटिश राज था, उस समय तबलीग़ी जमात की नींव पड़ी. क्यों नींव पड़ी? क्यों ब्रिटिश राज के पहले देश में मुग़ल थे. अब जैसा लिखा मिलता है, मुग़लों के समय बहुतेरे लोगों ने इस्लाम क़ुबूल किया. लेकिन मुग़लों के जाने के बाद जब ब्रिटिश आए तो उसी समय आर्य समाजियों का आंदोलन शुरू हुआ. उन्होंने कई मुस्लिमों का तथाकथित शुद्धिकरण करवाना और हिंदू धर्म में परिवर्तन कराना शुरू किया. इसको रोकने, या कहें कि मुसलमानों को इस्लाम में रोके रखने के लिए तबलीग़ी जमात की ज़रूरत पड़ी. 1927 का साल था. निज़ामुद्दीन में मौजूद एक मस्जिद में मौलाना इलियास कांधलवी ने तबलीग़ी जमात का गठन किया. उद्देश्य? मुसलमानों को अपने धर्म में बनाए रखना और इस्लाम का प्रचार. तभी से दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाका तबलीग़ी जमात का केंद्र भी है.
बहरहाल देखते हैं की इस कोरोना युग में ये जमात अभी कोरोना का प्रचार कहाँ तक करके आई है, और कितने लोग इनकी नासमझी और आसान भासा में कहें तो इस बेवकूफी का निशाना बन चुके हैं. पर हमारी आप सबसे यही अपील है...की घर पे ही रहे, सोशल मीडिया पर फ़ैल रही धर्म की लड़ाई का हिस्सा न बनें, क्यूकी ये कोणवीरस धर्म देख कर प्रहार नहीं करता, फिलहाल हमें इंसानों को बचाना है न की धर्म को और हाँ अगर आप कोरोना वायरस के किसी भी लक्षण को खुद में महसूस करते हैं तो तुरंत जांच करवाएं और खुद को, अपने परिवार को और अपने आस पास रहने वाले हर इंसान को इस महामारी से बचाएँ।