जी हाँ आज हम बात करने जा रे है ऐसे व्यक्तित्व के बारे में जिसकी मेहनत और काबिलियत पर हमें गर्व है| जिन्होंने पुरे देश की धड़कन को संभाल के रखा है| जो केवल भारत देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दूनिया के लोगों के लिए प्ररेणादायक है। वह है प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ शिवरामकृष्ण अय्यर पद्मावती। तो चलिए जानते है इनके बारे में-
देश की सबसे पहली महिला कार्डियोलॉजिस्ट डॉ शिवरामकृष्ण अय्यर पद्मावती अब पूरे 101 साल की हो गईं है। वह देश में कार्डिलॉजी को जन्म देकर लाखों लोगों के लिए भगवान का रूप बन गई हैं। 101 साल की उम्र होने के बावजूद भी दिन में 12 घंटे नियमित रूप से रोगियों को देखती है। वह पिछले 65 सालों से मरीजों का उपचार कर रही हैं और आज भी उतनी ही फिट हैं जितनी 65 साल पहले थीं। फिट रहने के लिए वह साल के छह महीने हर रोज़ स्विमिंग करती हैं और बाकी के महीनों में लंबी सैर के लिए जाती है। उनकी दादी 103 साल तक जिन्दा रही और शायद यह लंबा जीवन उनकी जीन्स में है।
उन्होंने अपना सारा जीवन कार्डियोलॉजी की पढ़ाई और मरीजों के उपचार में बिता दिया।उन्होंने ना सिर्फ यूके और यूएसए से कार्डियोलॉजी की पढ़ाई की बल्कि अपने देश के बेहतरीन कार्डियोलॉजिस्ट्स को भी पढ़ाया हैं। पद्मावती दिल्ली में ऑल इंडिया हार्ट फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष है। और नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट दिल्ली की निदेशक भी। उनका जन्म 20 जून सन १९१७ में बर्मा के म्यांमार में हुआ, उनके पिता बर्मा में एक बैरिस्टर थे। उन्होंने रंगून मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की फिर लंदन के रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन से एफआरसीपी प्राप्त की। उन्होंने १९५३ में दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के व्याख्याता के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। उसके बाद १९६७ में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, में काम किया और उसी वर्ष उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। और फिर १९९२ में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। जो की भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है|
पद्मावती की उम्र व उनका काम करने का जनून न केवल महिलाओं के लिए बल्कि पुरूषों के लिए भी कर्म को प्रधानता के साथ उत्तम स्वास्थय को परिभाषित करता है। उनका कहना है। कि उम्र तो केवल एक बनाई गई संख्या है। जिसे कभी गिनना नही चाहिए। नई सुबह का नया दिन विशेषताओं से भरा रहना चाहिए। नियमित व्यायाम के साथ-साथ जो काम आप कर रहे है। उसकी सफलता के बाद मिलने वाली खुशी ही लम्बी उम्र का राज है। उनकी ज़िंदगी वाकई में हम सभी को प्रेरणा देती हैं और अपने दिल का ध्यान रखने के लिए पौष्टिक खान-पान और रेग्युलर कसरत का महत्व सिखाती हैं।
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