भाजपा अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को नवनिर्वाचित सांसदों से मुखातिब हुए और इनके साथ मौजूदा राजनीति को लेकर अपने अनुभव साझा किए। शाह ने कहा कि हम सभी को इस बात का बोध होना चाहिए कि हम जो बोलते हैं उससे संसद और हमारे लोकतंत्र की साख बनती-बिगड़ती है, ऐसे में सभी को अपने दायित्व का ध्यान होना चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि धर्मचक्र प्रवर्तनाय का मतलब है कि भारत के शासक धर्म के रास्ते आगे बढ़े। धर्म का मतलब रिलीजन नहीं होता है बल्कि धर्म का मतलब फर्ज होता है, हमारा दायित्व होता है।