देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान एम्स में एक ऐसी नई तकनीक आई है जिसके जरिये डॉक्टरों को स्तन कैंसर के मामलों में मदद मिलेगी। इसका नाम है फ्लोरेसेंस इमेजिंग, जिसकी शुरुआत कुछ दिन पहले एम्स में हुई है। कैंसर सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. एसवीएस देव का कहना है कि स्तन कैंसर के उपचार के लिए इस तकनीक से प्रासंगिक ऊतक की पहचान हो जाती है।
स्तन कैंसर की सर्जरी के दौरान डॉक्टर रोगियों में एक सुरक्षित और सस्ती इंडोसायनीन ग्रीन (आईसीजी) डाई का प्रवेश कराते हैं। इस तकनीक का उपयोग करते हुए सर्जन सूक्ष्म वाहिकाओं व ऊतकों का रक्त प्रवाह देख सकते हैं।