राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल पास होने के बाद इसका विरोध करने वाले ऑल इंडिया मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि बीजेपी इसको चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा समझ कर पास कराना चाहती थी. वह कामयाब हो गई. हालांकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि भले ही बिल पास होकर कानून बन जाए लेकिन इसमें खामियां हैं. इसकी जो असंवैधानिक बाते हैं, उनको स्टडी कर रहे हैं. उसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. हालांकि उससे पहले हमारी लीगल कमेटी की मीटिंग होगी. उसमें इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. इसके साथ ही कहा कि संसद ने यदि इसे पास किया है तो इसे वापस (Repeal) भी ले सकती है. ये कोई बड़ी बात नहीं है. ये गलत हुआ है, इसकी कोई जरूरत नहीं थी. जब बीजेपी की सरकार हटेगी तो भी Repeal भी कर सकते हैं.